History of NCC at GKV
देश के नवयुवकों के लिए सैनिक शिक्षा का प्राप्त करना अत्यन्त आवश्यक समझा जाता है ताकि देश के संकटकाल में वे रक्षा के लिए तैयार रहे। इस विचार से सन् 1956 में विद्यालय में एन0सी0सी0 का शिक्षण प्रारम्भ कर दिया गया था। डा0 हरगोपाल सिंह जी एम0ए0 जो कि विधि पूर्वक एन0सी0सी0 की शिक्षा प्राप्त करके द्वितीय लेफ्टिनेन्ट का पद प्राप्त कर चुके थे विद्यालय के प्रथम ए0एन0ओ0 नियुक्त किये गये। प्रतिवर्ष यह विभाग उन्नति करता गया। केन्द्रों में जो शिविर करते गये उनमें गुरुकुल के कैडिटों ने भी बढचढकर हिस्सा लिया 1957 के नवम्बर मास में एन0सी0सी0 का टेªनिंग कैम्प लच्छीवाला में लगा था। कैडिट्स को लच्छीवाला के बीहड जंगलों में रहने तथा बचने की क्रियाओं का अभ्यास कराया गया। इसी क्रम में ओर भी कैम्प हुए जिसमें गुरुकुल के सैनिक छात्रों ने सफल पूर्वक योगदान किया। स्वतन्त्रता दिवस प्रतिवर्ष सैनिक प्रशिक्षण केन्द्र की ओर से धुमधाम के साथ मनाया जाता है। 1958 ई0 में गुरुकुल कांगड़ी के एन0सी0सी0 के छात्रों ने तीन शिवरों में और उत्तर प्रदेश की रैली में भाग लिया लच्छीवाला के कैम्प में प्रशिक्षण के बाद जो परीक्षा हुई उसमें गुरुकुल के छात्रांे ने बहुत सम्मान और कई पदक प्राप्त किये। गुरुकुल के प्रशिक्षण कार्य से संतुष्ट होकर उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से एन0सी0सी0 के भवन निर्माण के लिए 7100/- रु0 का पुरूस्कार प्राप्त हुआ। गुरुकुल ने इसमें अपनी ओर से 8000/- रु0 व्यय करके भवन निर्माण कार्य को पूरा करा। इसी क्रम में गुरुकुल कांगडी विश्वविद्यालय में एन0सी0सी0 दिन दूनी रात चैगनी तरक्की करता रहा। विश्वविद्यालय के कैडिट्स पूर्व की तरह कैम्प में बढ-चढ कर हिस्सा लेते रहे, जिसके परिणामस्वरुप विश्वविद्यालय से लगभग प्रत्येक वर्ष एक कैडिट भारतीय सेना के विभिन्न अंगों में चयनित होता रहा। इसके अलावा विश्वविद्यालय के कैडिट एन0सी0सी0 के महत्वपूर्ण कैम्प जैसे कि यूथ एक्सचैंज प्रोग्राम (वाई0ई0पी0), रिपब्लिकडे परेड (आर0डी0सी0), थल सेना कैम्प (टी0एस0सी0), एडवांस लीडरशिप कैम्प (ए0एल0सी0), माउटेनरिंग एवं ट्रेकिंग कैम्प में भी समय-समय पर प्रतिभाग किया। वर्तमान में लै0 डा0 राकेश भूटियानी के नेतृत्व में विश्वविद्यालय का एन0सी0सी0 सुचारु रुप से चल रही है। गतवर्षो में विश्वविद्यालय के एन0सी0सी0 द्वारा अच्छे कार्यो की सराहना करते हुए एन0सी0सी0 डयरेक्ट्रट द्वारा विश्वविद्यालय में 2017-18 में एक प्लाटून ओर जोडी गयी जिससे कि अब विश्वविद्यालय में तीन प्लाटून (160) हो गयी है।